वो सुहाना सफर प्यार की वादियां। इतना मुझको घुमा न मैं खो जाऊंगा।

 तुझ पे कुर्बान इस तरह हो जाऊंगा।


                        तेरी जुल्फों के साये में सो जाऊंगा।


वो सुहाना सफर प्यार की वादियां।
                     इतना मुझको घुमा न मैं खो जाऊंगा।


आपके हिज्र में इतना टूटा हूं मैं।
                    और कुछ कह दिया तो मैं रो जाऊंगा।


गर यूंही हुस्न को तू दिखाता रहा।
                     तेरा दीवाना एक दिन मैं हो जाऊंगा।


गर लिपट करके रोया कभी मुझसे तू।
                    तेरा अश्कों से दामन भिगो जाऊंगा।


प्यार की हर तरफ़ फसलें लहरायेंगी।
                    बीज ऐसा मुहब्बत का बो जाऊंगा। 


प्यार की कश्ती शीराज़ी डूबी मेरी।
               तेरी कश्ती भी एक दिन डिबो जाऊंगा।



 प्यार की सौगात और इकरार करके चल दिये।
              बस हमें दो चार दिन वो प्यार करके चल दिये।


चालबाजी तो कोई देखे मेरे महबूब की।
            पहले हां की और फिर इन्कार कर के चल दिये।


पहले अपने हिज्र में बेदम किया तुमने सनम।
               मेरी जिन्दा लाश का दीदार कर के चल दिये।


तुमने किस्तों पर निभाया प्यार की हर रस्म को।
          प्यार का भी तुम सनम व्यापार कर के चल दिये।


प्यार में अब्दुल्लाह शीराज़ी तुम्हारे मर गए।
           अपने आशिक को तुम बीमार कर के चल दिये।



उजाले ही उजाले कर दिए बरसात में।
                            गुलाबों से उड़े जुगनू अंधेरी रात में।


तकब्बुर इतना भी अच्छा नहीं तेरा सनम ये।
                          रहा कर ऐ मेरे महबूब तू औकात में।


जरा सी गुफ्तगू तेरी बना देती है अफसान।
                       असर हमनें बहुत देखा है तेरी बात में।


दिवाने आगे पीछे घूमते हैं ऐ मेरी जाना।
                 मोहब्बत में ये क्या कह देते हो जज्बात में।


बुरे न हो जाऊगे तुम अपनी जाना हरकत से।
             क्यों कपड़े पहने कागज के भारी बरसात में।


मैं कैसे भूल जाऊँ वो घड़ी लमहात ऐ जाना।
                      लुटी है जिन्दगी सारी मेरी उस रात में।


मैं पागल हो गया हूं इश्क में तेरे ऐ शीराज़ी।
                तेरी फुरकत ने पहुंचाया है किस हालात में।



कुछ ऐसा चला देती हैं   तेरी आंखें।
                      मुझको दीवाना बना देती हैं तेरी आंखें।


हर तरफ़ कत्ल के आसार नजर आतें हैं।
                         ऐसा माहौल बना देती हैं तेरी आंखें।


जाने कैसी है शौक निगाहों की तपिश।
                 आशियां दिल का जला देती हैं तेरी आंखें।


टूट जाता हूँ तेरी देख के हालत ऐसी।
                     रो के आंसू जो बहा देती हैं तेरी आंखें।


गम की तारीखयां हो जाती हैं पल में रौशन।
                 जलवा कुछ ऐसा दिखा देती हैं तेरी आंखें।


तेरी मदहोश निगाहों के सफर में चल कर।
              दिल की मन्ज़िल का पता देती हैं तेरी आंखें।


रश्क करती हैं मेरे दिल की तमन्ना शीराज़ी।
                   जब मुझे हंस के दुआ देती हैं तेरी आंखें।